इंटरनेट बैंकिंग के लिए आने वाला है नया सिस्टम, RBI ने कर दिया एलान
इंटरनेट बैंकिंग के लिए आने वाला है नया सिस्टम, RBI ने कर दिया एलान

इंटरनेट बैंकिंग के लिए आने वाला है नया सिस्टम, RBI ने कर दिया एलान
फंड सेटेलमेंट को और भी तेज बनाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) बैंकों के बीच इंटरनेट बैंकिंग (Internet Banking) के लिए इंटर ऑपरेबल पेमेंट सिस्टम (Interoperable Internet Banking System) शुरू करने की तैयारी में है. यह बात आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने मुंबई में रिजर्व बैंक के केंद्रीय कार्यालय में डिजिटल भुगतान जागरूकता सप्ताह के उद्घाटन के अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए कही.
उन्होंने कहा कि हमें चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान इंटरनेट बैंकिंग के लिए इस इंटर ऑपरेबल पेमेंट सिस्टम के लॉन्च की उम्मीद है. नया पेमेंट सिस्टम व्यापारियों के लिए तेजी से फंड सेटेलमेंट की सुविधा प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि इसे लागू करने के लिए एनपीसीआई भारत बिलपे लिमिटेड को मंजूरी दे दी गई है.
इंटर ऑपरेबल पेमेंट सिस्टम की जरूरत
गवर्नर ने बताया कि फिलहाल डिजिटल लेनदेन के लिए कोई कॉमन पेमेंट सिस्टम और नियमों का कोई सेट नहीं है. पेमेंट एग्रीगेटर्स (PA) के जरिए प्रोसेस किए जाने वाले ट्रांजेक्शन इंटर ऑपरेबल नहीं हैं. यानी एक बैंक को अलग-अलग ऑनलाइन मर्चेंट के प्रत्येक पीए के साथ अलग से इंटीग्रेट करने की आवश्यकता होती है. इस कारण अगर कोई ग्राहक अपने बैंक खाते से किसी मर्चेंट को पेमेंट करना चाहता है , तो उस मर्चेंट के पीए और ग्राहक के बैंक के पास ऐसा करने के लिए एक सिस्टम होना चाहिए. पेमेंट एग्रीगेटर्स की बड़ी संख्या को देखते हुए हर बैंक के लिए हर पीए के साथ इंटीग्रेशन कर पाना मुश्किल है. इसके अलावा पेमेंट सिस्टम की कमी और इनके लिए नियमों के अभाव के कारण ट्रांजेक्शन और मर्चेंट को पेमेंट की वास्तविक प्राप्ति यानी एक्चुअल रिसीविंग में देरी और सेटलमेंट रिस्क भी रहता है.
भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है दुनिया
दास ने कहा कि जब डिजिटल ट्रांजेक्शन के मामले में दुनिया भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है. भारत दुनिया के लगभग 46% डिजिटल लेनदेन का योगदान के साथ अब दुनिया में एक प्रमुख स्थान रखता है. यूपीआई लेनदेन की अब भारत में सभी डिजिटल भुगतान का 80% हिस्सेदारी है. 2012-13 में भारत में सालाना 162 करोड़ डिजिटल भुगतान होते थे. यह संख्या 2023-24 में फरवरी तक बढ़कर 14,726 करोड़ हो चुकी है, जो 12 सालों में 90 गुना वृद्धि दर्शाती है. इस बीच, आरबीआई ने डिजिटल पेमेंट की सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करने के इरादे से एक सप्ताह का डिजिटल भुगतान जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया है.